अब नहीं रहे रामविलास पासवान। जाने जन्म से लेकर मृत्यु तक की सारी कहानी

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रामविलास पासवान भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वह लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं। उन्होंने सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। रामविलास पासवान जी का आज 8 अक्टूबर 2020 को दिल्ली में निधन हो गया है। भारतीय दलित राजनीति के दिग्गज नेता अब दुनिया में नहीं रहे।

रामविलाश पासवान जी व्यक्तिगत जीवन

पासवान बिहार के खगड़िया जिले के सहरबन्नी गाँव के निवासी हैं। उनका जन्म एक अनुसूचित जाति परिवार में हुआ था। उन्होंने 1960 के दशक में राजकुमारी देवी से शादी की। 2014 में उन्होंने खुलासा किया कि लोकसभा नामांकन पत्र को चुनौती देने के बाद उन्होंने 1981 में राजकुमारी देवी को तलाक दे दिया। उषा और आशा उनकी पहली पत्नी राजकुमारी से दो बेटियाँ हैं। 1983 में अमृतसर की एक एयरहोस्टेस और पंजाबी हिंदू रीना शर्मा से शादी की। उनका एक बेटा और बेटी है। उनके बेटे चिराग पासवान एक अभिनेता से नेता बने हैं। 8 अक्टूबर 2020 को 74 वर्ष की आयु में गुरुवार को दिल्ली में श्री रामविलाश पासवान का निधन हो गया।

रामविलाश पासवान जी राजनीतिक सफर

श्री पासवान ने पिछले 32 वर्षों में 11 चुनाव लड़े हैं और उनमें से नौ जीते हैं। इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन इस बार सत्रहवीं लोकसभा में, उन्होंने मोदी सरकार में एक बार फिर उपभोक्ता मामलों के मंत्री के रूप में शपथ ली। श्री पासवान के पास छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का एक अनूठा रिकॉर्ड भी है।

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