WC News Desk: रविवार को चंद्रग्रहण है। यह पिछले चंद्र ग्रहण के पूरे एक महीने बाद पांच जुलाई यानी रविवार को लग रहा है। यह तीसरा चंद्रग्रहण है। वैसे मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार में यह दिखाई नहीं देगा। इस वजह से कोई सूतक काल भी नहीं होगा। वैसे भी कोरोना के कारण पहले से ही शहर में मंदिरों को बंद कर दिया गया है। जिससे मंदिर के पट को बंद करने जैसी स्थिति नहीं होगी। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 8.38 बजे शुरू होकर 11.21 बजे तक रहेगा।
मुजफ्फरपुर स्थित जगदंबा नगर, बैरिया के आचार्य अभिनय पाठक ने कहा कि यह चंद्रग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। यह गुरु पूर्णिमा के दिन लग रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ग्रहण जहां दिखता है, सूतक भी वहीं मान्य होता है। इस ग्रहण को अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में देखा जाएगा I यह दो घंटे 48 मिनट और 24 सेकेंड का होगा। भारतीय समयानुसार 8.38 बजे शुरू होकर यह 11.21 मिनट तक रहेगा।
चंद्रग्रहण का पड़ सकता यह प्रभाव
आचार्य पाठक ने बताया कि किसी भी मास में दो या दो से अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के लिए कष्टकारी होता है। ऐसे ग्रहण आर्थिक मंदी, अतिवृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इनसे बचने के लिए स्नान-दान धर्म सूर्य उपासना गायत्री मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना श्रेयष्कर रहेगा।

मंगलकारी होगी श्रीहरि की पूजा
यह ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। प्राचीन काल में जब विद्यार्थी गुरु के आश्रम में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे तो इसी दिन श्रद्धा भाव से गुरु का पूजन करके उन्हें अपनी शक्ति व सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देते थे। आज के दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करके श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं। आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण पूजन, शंख पूजन के बाद शंख ध्वनि से घरो में सुख-समृद्धि का आगमन होता है एवं निरोग काया की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।





















