नीतीश कुमार के इस्तीफा के बाद बोले बिहार के नेता

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बिहार की राजनीति में मंगलवार की सियासी अहम थी । दिनभर चली राजनीतिक घमासान के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा । इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया के सामने आए और एनडीए से अलग होने की बात की। बीजेपी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए । आज होगा सपथ ग्रहण तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के पद पर

एनडीए गठबंधन में हुई टूट के बाद भाजपा के कई वरिष्ठ नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस किए ट्वीट भी किए ।

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प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल : हम 74 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे उसके बावजूद भी प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था हमने उस वादे का पूर्णत: पालन किया था और नीतीश कुमार इस एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री बने।
आज जो कुछ भी हुआ है वह बिहार की जनता के साथ और भाजपा के साथ धोखा है।


नीतीश कुमार जी ने जिस प्रकार से बिहार की जनता के पीठ में विश्वासघात का खंजर मारा है, उन्हें बिहार की जनता कभी माफ नही करेगी। आनेवाले चुनाव में बिहार की जनता उन्हें जरूर ही सबक सिखाएगी।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय: बीजेपी ने बिहार के गरीब, पिछड़ा, दलित, शोषित, वंचित सभी के विकास के लिए संघर्ष किया है। बीजेपी पहले भी बिहार के हित में अपनी प्रतिबद्धताओं के प्रति अडिग थी, आज भी अडिग है और आगे भी अडिग रहेगी। बिहार की जनता समय आने पर जनादेश के इस अपमान का कड़ा जवाब देगी।

जीतन राम माझी : विकसित बिहार के शिल्पीकार नीतीश कुमार
जी के नेतृत्व में बिहार आगे बढ रहा और निरंतर आगे बढेगा।
इसी विश्वास के साथ हम के विधायकों ने विधायक दल के बैठक में नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ रहने का फैसला किया है।

रेणु देवी: नरेंद्र मोदी जी के नाम पर एनडीए गठबंधन से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने नीतीश जी ने राजद से हाथ मिलाकर जनादेश का अपमान किया है। जनता के साथ इस छल और विश्वासघात का फैसला बिहार की महान जनता जनार्दन जरूर करेगी। बिहार की जनता नीतीश जी को कभी माफ नहीं करेगी।

पुष्पम प्रिया चौधरी अध्यक्ष द प्लूरल्स पार्टी :। एक-दूसरे के विरोध में वोट लीजिए, वर्षों तक एक-दूसरे को गाली दीजिए, और फिर सत्ता के लिए पक्ष-विपक्ष मिल जाइए। बिहार के नक़ली नेताओं ने बिहार के लोकतंत्र और मतदाताओं को फिर से करारा तमाचा जड़ दिया है

आज से 80 साल पहले अन्यायी शासकों के विरूद्ध ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की शुरुआत हुई थी। गांधीजी के नेतृत्व में समाजवादी जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया की बड़ी भूमिका रही। बिहार आंदोलन का केंद्र था। आज जेपी-लोहिया के नक़ली चेले क्या कर रहे हैं बिहार के साथ? वे बिहार को कब छोड़ेंगे?

उपेंद्र कुशवाहा :। NDA से अलग होने के निर्णय से देश को फिर से रुढ़िवाद के दल-दल में धकेलने की साज़िश में लगी भाजपा के चक्रव्यूह से हम सब बाहर आ गए। यह निर्णय सिर्फ बिहार ही नहीं देश के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।

नये स्वरूप में नये गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए श्री नीतीश कुमार जी को बधाई। नीतीश जी आगे बढ़िए। देश आपका इंतजार कर कर रहा है।