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मैं उस घर में दिया जलाने चला हूं,जिस घर में सदियों से अंधेरा है।


वैशाली, हाजीपुर लोकतंत्र की धरती वैशाली जिले के हाजीपुर लोकसभा से विश्व कीर्तिमान स्थापित कर लोक सभा सांसद बनने से लेकर रेल,सेल,संचार,कोयला,खाद्य जैसे मंत्रालय के मंत्री बनने का फख्र हासिल करने वाले हर दिल अजीज नेता रामविलास पासवान की यह बात हर कोई जानता है।वाकई आज रामविलास पासवान की यह बात दिल को झकझोर देती है।अब हाजीपुर लोकसभा को शायद ऐसा नेता मिले।हाजीपुर का नाम विश्व पटल पर रामविलास पासवान की वजह से गूंजा।रामविलास पासवान नेता कम आम लोगों के बीच एक सच्चे सेवक की तरह हाजिर हुए।जब भी मौका मिला वह अपने एक-एक चाहने वाले,मानने वाले,मिलने वाले से दिल खोल कर मिले।समस्या से जूझ रहे लोगों की आस बनते रहे रामविलास।रामविलास पासवान को मैं पहली बार बहुत ही करीब से तब देखा था जब मेरे दादा के इंतकाल के बाद मेरे घर पर पर वह 15 अक्टूबर 2003 की देर रात को आए।मेरे अब्बू मोहम्मद अताउल्लाह मरहूम से भी रामविलास विलास पासवान का बहुत ही गहरा ताल्लुक रहा।मेरे अब्बू को वह बहुत ही मानते थे।जब वह सुने कि मोहम्मद अताउल्लाह जी के पिता अब्दुल जलील का इंतकाल हो गया तब वह उस वक्त केन्द्रीय संचार मंत्री के ओहदे पर थे और पूरी टीम के साथ मेरे घर हजरत जन्दाहा के पुरानी बाजार पहुंचे।यह इत्तेफाक था कि उन्होंने मुझे रोते हुए हालत देखा तो चुप कराया और अपने साथ अपनी गाड़ी तक ले गए।रामविलास पासवान को इसके बाद कई बार करीब से देखने,मिलने,जानने का मौका भी मिला।जब मैं पत्रकार बना और पत्रकार के नाते उनके विभिन्न कार्यक्रम का रिपोर्टिंग किया तो और करीब से जाना।आज से कुछ साल पहले तक मेरे अब्बू के नाम से हर साल नये साल की शुभकामना पत्र रामविलास पासवान जी की ओर से आते रहे।वहीं रामविलास पासवान की ओर से हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए जो भी कार्य किए गए वह भी तारीख में दर्ज है।रामविलास पासवान के बाद हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र सूना सूना हो गया है।भाई को जीत दर्ज करा कर भी वह मुकाम नहीं दिला सके जो उन्होंने अपनी जीवन में और सांसद रहते हुए हासिल किए।भाई भी ऐसा निकला जो रामविलास पासवान के नक्श ए कदम पर चलना तो दूर उनका न नक्श ले सका न उनके जैसा कदम बढ़ा सका।2019 का चुनाव भी जीता तो यह कहा कि हम भईया के अधूरे काम को पूरा करेंगे।यह कब होगा शायद उनको भी पता नहीं।हां रामविलास पासवान के अधूरे काम को छोड़कर अपने सारे अधूरे सपने पूरे करने में लगे हैं।भाई की पार्टी खत्म कर दी।परिवार को तोड़ दिया।आज कार्यक्रम भी अलग कर उस भाई को झूठी श्रद्धांजली दे रहे हैं जो सचमुच भाई के लिए अपने और अपने परिवार से बढ़कर हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता के उस प्यार की कुर्बानी दे दी।रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने उनकी एक प्रतिमा हाजीपुर में स्थापित किया और दूसरी प्रतिमा आज रामविलास पासवान के आबाई घर पर स्थापित कर एक बेटे का फर्ज अदा कर रहे हैं।उनका यह काम रामविलास पासवान के लिए सच्ची खराज ए अकीदत है।हम सभी हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के हर उस लोग की तरफ से खराज ए अकीदत पेश करते हैं जो रामविलास पासवान के चाहने,मानने वाले हैं ्

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार।

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