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भारत की प्रथम महिला शिक्षिका “माता सावित्रीबाई फुले” की जयंती मनायी गयी।

कुढनी प्रखण्ड स्थित “राज कॉम्प्लेक्स सभागार” केरमा में युवा राजद नेता-सह- मुखिया प्रतिनिधि श्री शंकर कुशवाहा के द्वारा देश की प्रथम महिला शिक्षिका “माता सावित्रीबाई फुले” की जयंती मनायी गयी।

श्री कुशवाहा ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले विषम परिस्थिति में समाज के लिए अद्भुत कार्य की है
जिस समय कुछ वर्गों को शिक्षा से वंचित रखा गया था, उस समय उन्होंने लोगों को शिक्षित करने का कार्य किया।

उन्होंने स्वयं को स्त्री शिक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया।उन्हें भारत की प्रथम महिला शिक्षिका होने का गौरव प्राप्त है।वे सन् 1852 में बालिकाओं के लिए प्रथम विद्यालय खोलकर स्वयं शिक्षा देने का कार्य किया।जब वे विद्यालय जाती थी तब कुछ लोग उनपर कीचड़ आदि फेका करते थे, इसलिए वे अपने साथ एक साड़ी अतिरिक्त लेकर विद्यालय जाती थी।
देश के लिए एवं बालिकाओं के लिए उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।


रिपोर्ट हरि ओम कश्यप

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